*बुरा मान जाएँगे*
**बुरा मान जाएँगे*
*क्योंकि रास्तों की सोचता रहूँगा, मुबारक*
*तो मंज़िल बुरा मान जाएगी*
*वक्त को गिनता रहूँगा…*
*तो ज़िंदगी बुरा मान जाएगी*
*कौन किसी को राह दिखाएगा?*
*हरएक यहाँ अपने मर्ज़ी का मालिक़*
*अब सब को राह दिखाऊँगा….*
*तो ऊपरवाला बुरा मान जाएगा*
*कतरा कतरा बीत गयी ज़िंदगी*
*अनजान दुनिया में अंजान मुसाफ़िर*
*अब अंजाने को नाम दूँगा…,*
*तो जाने-पहचाने बुरा मान जाएँगे*
*फसी अदमरी ज़िंदगी, रिश्ते-नाते*
*प्यार-मोहब्बत, दर्द भरी राते*
*अब काली घनी रातों में, शमा बूजावूँगा *
*तो परवाना बुरा मान जाएगा*
*क्या जीना-मरना, क्या रिश्ते, क्या नाते*
*क्या दोस्त और क्या दुश्मनी की बातें*
*अब मै ये फिरसे समजाने लगा… *
*बेचारा कोविड की मेहनत बुरा मान जाएगी*
*मतलबी लोग, बेईमान दुनिया *
*बेबस ज़िंदगी, दर्दनाक मौत का साया*
*अब मौत को लाचार जीना सिखावूगा*
*बेचारी चलती साँसे बुरा मान जाएँगी*
- मुबारक *अंजाना*
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